गेहूं की प्रजाति कल्याण सोना, आरआर-21, एचडी-2285 और यूपी-262 के पौधों के समूहों के बीच नव परिवर्तित प्रक्रिया के तहत गेहूं की नई प्रजाति कुदरत -100 तैयार की गई है। 150 दिन में तैयार होने वाली नई प्रजाति कुदरत-100 के एक पौधे में 30-35 गांछें निकल रही हैं।
औसतन 15 इंच लंबी बालियों में 130 दाने तक मिले हैं। इसके दाने सामान्य गेहूं से दोगुना लंबे और मोटे होंगे। जबकि सामान्य गेहूं की एक बाली में अब तक 55-60 दाने ही पाए जाते थे। कुदरत -100 प्रजाति की फसल के लिए काली मिट्टी अधिक उपयोगी होगी। बुवाई के बाद खेत में अधिकतम पांच बार पानी देना होगा।
रघुवंशी ने बताया कि पहली बार इस प्रजाति के गेहूं की बुवाई जयापुर के किसान मुसई पटेल के खेत की एक क्यारी में कराई गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के नागपुर और मध्यप्रदेश के जबलपुर से लगे गांवों में भी इसे तैयार किया जा रहा है, ताकि इसके बीज का उत्पादन किया जा सके। बीज तैयार होने के बाद गेहूं अनुसंधान निदेशालय करनाल (हरियाणा) को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा रघुवंशी धान, अरहर के अलावा सब्जियों के उन्नतिशील बीजों को विकसित करने में जुटे हैं।
इससे पहले श्रीप्रकाश सिंह रघुवंशी ने 9-10 इंच लंबी बालियों वाली गेहूं की उन्नतशील प्रजाति कुदरत-9 इसी विधि से तैयार की थी जिसे 2013 में पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली से पेटेंट कराया था। 130-135 दिन में तैयार होने वाली कुदरत-9 का एक एकड़ में 30 कुंतल पैदावार देने का रिकार्ड है।
किसान श्रीप्रकाश सिंह रघुवंशी ने बताया कि गेहूं की नई प्रजाति कुदरत-100 अभी तीन बार खेतों में लगाई जाएगी। इसके बाद परीक्षण कराकर इसका पेटेंट कराया जाएगा। बीज दान अभियान चलाकर इस प्रजाति को देश भर के किसानों को बांटा जाएगा ताकि उपज बढ़ाकर किसान फायदा उठा सकें।
